पुतिन को सत्ता में रहते 25 साल हुए, एक चौथाई सदी में 'रूस का कितना ध्यान' रख पाए?

पुतिन

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इमेज कैप्शन, बीते 25 सालों में पुतिन के अलग-अलग व्यक्तित्व सामने आए.
  • Author, स्टीव रोज़नबर्ग
  • पदनाम, बीबीसी रूस संपादक

1999 के नव वर्ष की पूर्व संध्या को मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा.

मैं बीबीसी के मॉस्को ब्यूरो में प्रोड्यूसर के रूप में काम कर रहा था. अचानक एक ब्रेकिंग न्यूज़ आई कि रूस के राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है.

उनके फ़ैसले ने सबको हैरान कर दिया, यहां तक कि मॉस्को में ब्रिटिश प्रेस में काम करने वालों को भी.

जब यह ख़बर आई, ऑफ़िस में कोई संवाददता मौजूद नहीं था. इसका मतलब ये था कि मुझे ही ख़बर तैयार करनी थी. बीबीसी में मेरा ये पहला डिस्पैच था जो मैंने तैयार किया और जो ब्रॉडकास्ट हुआ.

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मैंने अपनी रिपोर्ट में लिखा, "बोरिस येल्तसिन ने हमेशा कहा कि वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे. आज उन्होंने रूसियों को बताया कि उन्होंने अपना मन बदल लिया है."

एक रिपोर्टर के रूप में यह मेरे करियर की शुरुआत थी.

और यह रूस के नए नेता के रूप में व्लादिमीर पुतिन के लिए भी ये नई शुरुआत थी.

येल्तसिन ने पुतिन से क्या कहा था?

येल्तसिन और पुतिन

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इमेज कैप्शन, रूस के तत्कालीन राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने 1999 में पद से इस्तीफ़ा दे दिया, जिसके बाद पुतिन ने रूस के राष्ट्रपति पद की बागडोर संभाली.
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बोरिस येल्तसिन के इस्तीफ़े के बाद, रूसी संविधान के अनुसार, प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन कार्यकारी राष्ट्रपति बन गए.

तीन महीने बाद देश में चुनाव हुए और उन्होंने जीत हासिल की.

क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति कार्यालय) छोड़ते हुए येल्तसिन ने पुतिन से अपना अंतिम संदेश दिया था. उन्होंने कहा था, "रूस का ध्यान रखना!"

जैसे-जैसे यूक्रेन पर रूस की जंग का तीसरा साल पूरा होने को आ रहा है, मुझे येल्तसिन की यह बात बार-बार याद आ रही है.

इसलिए क्योंकि यूक्रेन पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन के चौतरफा हमले के विनाशकारी नतीजे आए हैं.

मुख्य रूप से यूक्रेन के लिए, जिसके शहरों में बड़े पैमाने पर विनाश हुआ और लोग हताहत हुए हैं.

उसका लगभग 20 फ़ीसदी हिस्सा कब्ज़ाया जा चुका है और इसके एक करोड़ नागरिक विस्थापित हुए हैं.

लेकिन रूस को भी इसकी क़ीमत चुकानी पड़ी हैः

- जब से पुतिन ने कथित 'विशेष सैन्य अभियान' शुरू करने का फै़सला किया, रूस को जंग के मैदान में भारी नुक़सान उठाना पड़ा है.

- रूसी कस्बे और शहर लगातार ड्रोन हमले के निशाने पर हैं.

- यूक्रेनी सैनिकों ने रूस के कुर्स्क इलाक़े में अचानक हमला किया और भीतर तक आ गए. उन्होंने इसके एक हिस्से को कब्ज़ा लिया है.

- रूसी अर्थव्यवस्था पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध भारी दबाव डाल रहे हैं. उन पर घरेलू दबाव भी बढ़ रहा है.

- इससे भी ज़्यादा, देश की जनसांख्यिकी हालत और गंभीर हो गई है.

'25 सालों में मुझे कई पुतिन दिखे'

बोरिस येल्तसिन और पुतिन

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इमेज कैप्शन, रूस की सत्ता के शीर्ष पर रहते हुए व्लादिमीर पुतिन को एक चौथाई सदी हो चुकी है.

एक चौथाई सदी पहले जब पुतिन सत्ता में आए, तब से मैं रिपोर्टिंग करता रहा हूं.

31 दिसंबर 1999 को, किसने सोचा होगा कि रूस के नए नेता ढाई दशकों बाद भी सत्ता में बने रहेंगे? या रूस आज यूक्रेन के ख़िलाफ़ जंग लड़ रहा होगा और पश्चिम के साथ रूस का तनाव अपने चरम पर होगा?

अक्सर मैं यह सोच कर हैरान रह जाता हूं कि अगर बोरिस येल्तसिन ने अपना उत्तराधिकारी पुतिन को न चुनकर किसी और को चुना होता, तो क्या इतिहास कुछ और मोड़ लेता.

स्वाभाविक है कि यह सवाल अकादमिक है. लेकिन इतिहास इस तरह के 'किंतु परंतु' और 'शायद' से भरा पड़ा है.

लेकिन एक बात मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं, इन 25 सालों में मैंने पुतिन के अलग-अलग पहलू देखे हैं. और ऐसा देखने वाला मैं अकेला नहीं हूं.

नेटो के पूर्व चीफ़ लॉर्ड रॉबर्ट्सन ने 2023 में मुझसे कहा था, "जिस पुतिन से मैं मिला था, जिनके साथ अच्छे संबंध रहे, नेटो-रशिया काउंसिल का गठन किया गया, वो लगभग अहंकार में चूर आज के पुतिन से बिल्कुल अलग थे."

"मई 2002 में जो व्यक्ति बिल्कुल मेरे पीछे खड़ा था और जिसने कहा कि यूक्रेन एक संप्रभु और स्वतंत्र राष्ट्र है और सुरक्षा को लेकर वो अपने फ़ैसले खुद ले सकता है, अब वो कह रहे हैं कि यूक्रेन एक राष्ट्र नहीं है."

"मैं सोचता हूं कि व्लादिमीर पुतिन अपनी आलोचना सुनना नहीं चाहते और अपने देश के लिए उनकी बहुत बड़ी महत्वाकांक्षा है. सोवियत संघ को दुनिया की दूसरी महाशक्ति के रूप में मान्यता दी गई थी. आज उस दिशा में रूस कोई दावा नहीं कर सकता. और मुझे लगता है कि यही बात उनके अहंकार पर चोट कर रही थी."

पुतिन में बदलाव के पीछे की वजह?

नेटो के तत्कालीन सेक्रेटरी जनरल लॉर्ड रॉबर्ट्सन

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इमेज कैप्शन, नेटो के तत्कालीन सेक्रेटरी जनरल लॉर्ड रॉबर्ट्सन (बाएं) और पुतिन साल 2001 में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान.

पुतिन के अंदर जो बदलाव हमने देखा है, उसका सबसे संभावित कारण ये हो सकता है, कि "रूस को फिर से महान" बनाने की उनकी ज्वलंत महत्वाकांक्षा है. (और बहुत से लोग इसे शीत युद्ध में रूस की हार की भरपाई करने की आंकांक्षा के तौर पर भी देखते हैं).

उनकी इस महत्वाकांक्षा ने रूस को अपने पड़ोसियों और पश्चिम के साथ एक टकराव के रास्ते पर डाल दिया है.

हालांकि क्रेमलिन के लिए इसका अलग कारण है.

पुतिन जो भाषण देते हैं, टिप्पणी करते हैं, उससे ऐसा दिखता है कि उनके अंदर एक असंतोष है कि रूस के साथ पश्चिम ने छल किया, उसे अपमानित किया और उसकी सुरक्षा चिंताओं को ख़ारिज़ किया.

लेकिन क्या पुतिन खुद ये मानते हैं कि उन्होंने बोरिस येल्तसिन के 'रूस का ध्यान रखने' के निवेदन का मान रखा?

हाल ही में मुझे इस बारे में सीधे राष्ट्रपति पुतिन से सवाल करने और इसके जवाब का पता लगाने का मौक़ा मिला. साल के अंत में चार घंटे से अधिक समय तक हुए उनके प्रेस कांफ़्रेंस में पुतिन ने मुझे सवाल पूछने को कहा.

मैंने पुतिन को याद दिलाया, "बोरिस येल्तसिन ने आपसे रूस का ध्यान रखने को कहा था. लेकिन आपके कथित विशेष सैन्य अभियान में अच्छे ख़ासे नुक़सान, कुर्स्क इलाक़े में यूक्रेनी सैनिक, प्रतिबंध और आसमान छूती महंगाई पर आप क्या कहेंगे. क्या आप सोचते हैं कि आपने देश का ध्यान रखा");